# Business News – Madhya Pradesh Ki Awaaz https://madhyapradeshkiawaaz.com Wed, 09 Apr 2025 02:57:22 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8 चीन ने दिखाई आंख तो अमेरिका ने लगा दिया 104% टैरिफ, ड्रैगन की धमकी पर डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा अटैक https://madhyapradeshkiawaaz.com/2025/04/09/when-china-showed-its-anger-america-imposed-104-tariff/ Wed, 09 Apr 2025 02:57:22 +0000 https://todaynewsindia.com/?p=143428 अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के खिलाफ टैरिफ वॉर को अलग लेवल पर पहुंचा दिया है. व्हाइट हाउस ने मंगलवार को ऐलान किया कि 9 अप्रैल से चीन से आयातित वस्तुओं पर 104 फीसदी तक का अतिरिक्त टैरिफ वसूला जाएगा. यह कदम तब उठाया गया जब चीन ने अमेरिकी सामानों पर लगाए गए 34 फीसदी जवाबी शुल्क को हटाने से इनकार कर दिया.

व्हाइट हाउस ने क्या कहा?

व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलाइन लेविट ने स्पष्ट कहा कि चीन की जवाबी कार्रवाई एक भारी गलती थी. उन्होंने कहा, “जब अमेरिका पर कोई वार करता है, तो राष्ट्रपति ट्रंप और जोर से पलटवार करते हैं. यही वजह है कि अब चीन पर 104 फीसदी टैरिफ लागू हो गया है. हालांकि, अगर चीन बातचीत करना चाहता है, तो राष्ट्रपति ट्रंप बेहद उदारता से उसका स्वागत करेंगे.”

चीन को प्राथमिकता नहीं

ट्रंप प्रशासन के इस कदम से साफ है कि चीन अब अमेरिका की ट्रेड पॉलिसी में प्राथमिकता नहीं रखता. अधिकारियों ने यह भी कहा है कि अन्य देशों के साथ ट्रेड टॉक जारी रहेंगी, लेकिन चीन से किसी भी तत्काल समझौते की संभावना नहीं दिख रही. दरअसल, यह ट्रेड वॉर तब और गहरा गया जब राष्ट्रपति ट्रंप ने 2 अप्रैल को पहली बार टैरिफ बढ़ाने का संकेत दिया था. उस घोषणा के बाद वैश्विक शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखी गई थी, जिससे मंदी की आशंका और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में बड़ी उथल-पुथल की संभावना जताई गई. हालांकि, बाद में अमेरिकी बाजारों में थोड़ी रिकवरी जरूर आई, लेकिन अनिश्चितता का माहौल अभी भी बना हुआ है.

चीन पीछे नहीं हटने वाला

दूसरी ओर, चीन ने भी आक्रामक रुख अपनाया है. उसने अमेरिकी टैरिफ को “ब्लैकमेल” बताते हुए कहा है कि वह “अंत तक लड़ने को तैयार” है. चीन के इस तेवर से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है. इस टैरिफ वॉर का असर सिर्फ अमेरिका और चीन तक सीमित नहीं रहेगा. भारत जैसे विकासशील देशों पर भी इसका प्रभाव पड़ सकता है. वैश्विक व्यापार में बढ़ती अनिश्चितता और निवेशकों की चिंता भारत के बाजारों को भी प्रभावित कर सकती है. ऐसे में आने वाले समय में दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाएं इस आर्थिक लड़ाई से अछूती नहीं रहेंगी.

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8वें वेतन आयोग में हद से ज्यादा बढ़ सकता है फिटमेंट फैक्टर! DA की वजह से मोदी सरकार ले सकती है बड़ा फैसला https://madhyapradeshkiawaaz.com/2025/04/07/the-fitment-factor-may-increase-too-much-in-the-8th-pay-commission/ Mon, 07 Apr 2025 02:19:54 +0000 https://todaynewsindia.com/?p=143343 नई दिल्ली: पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने इस साल जनवरी में 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी थी, लेकिन इसके लिए अभी तक तीन सदस्य पैनल का गठन नहीं हुआ है. ऐसे में केंद्रीय कर्मचारी 8वें वेतन आयोग के गठन का इंतजार कर रहे हैं. इस बीच खबर आई है कि 8वां वेतन आयोग अपेक्षित फिटमेंट फैक्टर से कम का प्रस्ताव कर सकता है.

विचार-विमर्श में शामिल दो कर्मचारी यूनियन नेताओं के अनुसार अगर केंद्र महंगाई भत्ते को मूल वेतन में मिला देता है, तो 8वां वेतन आयोग शुरू में अपेक्षित फिटमेंट फैक्टर से कम का प्रस्ताव कर सकता है, जबकि स्टाफ फॉरम ने 2.57 से 2.86 की सीमा में फिटमेंट फैक्टर की मांग की है.

कम हो सकता है फिटमेंट फैक्टर

मामले से अवगत लोगों ने संकेत दिया कि अगर डीए और बेसिक सैलरी के विलय को आधिकारिक मंजूरी मिल जाती है, तो 8वां वेतन आयोग एक ऐसे मल्टीप्लिकेशन यूनिट की सिफारिश कर सकता है, जो काफी कम हो.

एनडीटीवी प्रॉफिट ने एक अधिकारी के हवाले से कहा है कि अगर केंद्र सरकार महंगाई भत्ते को मूल वेतन में मिला देती है तो फिटमेंट फैक्टर को लेकर हाल ही में न्यूज रिपोर्टों में जो बात की गई है, उससे कम हो सकता है.

गौरतलब है कि फिटमेंट फैक्टर सरकारी कर्मचारियों के वेतन और रिटायर हो चुके कर्मचारियों की पेंशन को रिवाइज करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाला मल्टीप्लायर है. 2016 में 7वें वेतन आयोग ने वेतन और पेंशन को संशोधित करने के लिए 2.57 का फिटमेंट फैक्टर लागू किया था.

5वें वेतन आयोग तक चला नियम

बता दें कि 1996 से 2006 तक चले 5वें वेतन आयोग के तहत यह नियम था कि जब मुख्य भत्ता 50 प्रतिशत से अधिक हो जाता है तो बेसिक सैलरी को डीए के साथ मिला दिया जाता है. तदनुसार, सरकार ने 2004 में डीए को मूल वेतन के साथ एकीकृत कर दिया था. हालांकि, 2006 से 2016 तक लागू किए गए छठे वेतन आयोग ने इस नियम को समाप्त कर दिया था.

DA में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी

पिछले सप्ताह डीए में 2 प्रतिशत वृद्धि के बाद यह मूल वेतन का 55 प्रतिशत हो गया है. अगर इसका 50 प्रतिशत मूल वेतन में मिला दिया जाए – जैसा कि कर्मचारी मंचों द्वारा मांग की गई है – तो 8वें वेतन आयोग के लागू होने से पहले ही न्यूनतम मूल वेतन 18 हजार रुपये से बढ़कर 27 हजार रुपये हो सकता है. इसके अलावा वेतन पैनल द्वारा अनुशंसित फिटमेंट फैक्टर को संशोधित मूल वेतन में गुणा किया जाएगा, जिससे वेतन में तेज वृद्धि होगी.

उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्रालय ने पिछले महीने संसद में स्पष्ट किया था कि वह वर्तमान में केंद्र सरकार के कर्मचारियों के मूल वेतन के साथ डीए को एकीकृत करने के किसी भी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रहा है. हालांकि, मामले से अवगत यूनियन नेताओं ने कहा कि वित्त मंत्रालय ने विलय को पूरी तरह से खारिज नहीं किया है, बल्कि केवल इतना कहा है कि इस तरह का प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है.

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