पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि यह गैंग ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के कबाड़ियों से प्रतिदिन गत्ता ले जाने की जानकारी इकट्ठा करता था। जब कोई कबाड़ी गत्ता तुलवाने के लिए धर्मकांटे पर पहुंचता, तो गैंग के सदस्य मौके पर पहुंचकर उससे एक रुपये प्रति किलो की दर से रंगदारी वसूलते थे। यहां तक कि रुपये नहीं देने पर आरोपी मारपीट और जान से मारने की धमकी भी देते थे।
पुलिस के मुताबिक, यह गैंग बाहरी कबाड़ियों को टारगेट करता था, जो आमतौर पर शिकायत करने से बचते हैं। इसका फायदा उठाकर आरोपी लंबे समय से अवैध वसूली कर रहे थे। रोजाना इस गैंग की कमाई करीब 60-70 हजार रुपये तक हो जाती थी। इस मामले में पीड़ित की शिकायत पर कासना थाना में मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस फरार अभियुक्तों दीपक, कपिल, सागर, आकिब, अरविंद समेत अन्य की तलाश में जुटी हुई है।
पुलिस का कहना है कि जल्द ही अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पुलिस के मुताबिक, ऋषभ भाटी कासना के लडपुरा, सौरभ दनकौर के दादुपुर और सलमान बुलंदशहर के शिकारपुर का रहने वाला है। इन तीनों से पूछताछ की जा रही है। पुलिस की कोशिश है कि घटना से जुड़ी अन्य जरूरी जानकारियां जुटाई जा सकें।
]]>पुलिस को दी शिकायत में कृषिकांत ने बताया कि हाथरस निवासी संतोष और मथुरा निवासी इरम खान उसके सॉफ्टवेयर इंजीनियर भाई उमेश कुमार सिंह को आर्थिक, मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे। इसकी वजह से उसके भाई ने सेक्टर-27 के होटल में 10 अप्रैल को पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। जिस समय इंजीनियर ने आत्महत्या की, उसकी प्रेमिका और बीबीए की छात्रा इरम भी वहीं पर थी।
शिकायतकर्ता का कहना है कि इरम और संतोष ने उसके भाई से करीब तीस लाख रुपये लिए। जब भी वह रुपये वापस मांगता था तो दोनों उसे प्रताड़ित और ब्लैकमेल करते थे। इरम और उमेश बीते दो वर्षों से सहमति संबंध में रह रहे थे। घटना वाले दिन दोनों अपने कुत्ते का उपचार कराने के लिए नोएडा आए थे। कुत्ते के उपचार को लेकर दोनों के बीच में विवाद हुआ था।
उमेश शादीशुदा था। उसका पत्नी से विवाद चल रहा था। दोनों अलग-अलग रह रहे थे। दो वर्ष पहले मथुरा की इरम से उमेश की नजदीकी बढ़ी और दोनों में प्रेम संबंध हो गए। दोनों डेटिंग ऐप के जरिए मिले थे।
प्रेमिका ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया था कि दोनों के साथ उनका कुत्ता भी होटल आया था। कुत्ते के इलाज को लेकर उमेश और उसके बीच कहासुनी हुई। कुछ ही समय बाद उमेश ने खुदकुशी कर ली। होटल में ठहरने के लिए इंजीनियर हाथरस से, जबकि युवती मथुरा से आई थी।
]]>इस समझौता का उद्देश्य शीर्ष-स्तरीय शैक्षणिक संसाधनों के साथ उन्नत नैदानिक विशेषज्ञता को एकीकृत करके CAR-T सेल थेरेपी ( काइमेरिक एंटीजन रिसेप्टर टी-सेल थेरेपी) जैसे अत्याधुनिक उपचारों में सहयोगी अनुसंधान, नवाचार और अनुवाद संबंधी कार्य को गति देना है।
शारदा स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च की डीन डॉ निरुपमा गुप्ता और शारदा केयर हॉस्पिटल के वरिष्ठ सलाहकार ने कहा कि यह साझेदारी हमारे संकाय, छात्रों और चिकित्सकों के लिए एक रोमांचक कदम है।यह कैंसर जैसी जटिल बीमारियों से निपटने के लिए शिक्षा, अनुसंधान और नैदानिक देखभाल के आदर्श अनुसरण का प्रतिनिधित्व करता है। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. विवेक कुमार गुप्ता भी शामिल हुए, जिन्होंने इस सहयोग को सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और स्वास्थ्य सेवा नवाचार को आगे बढ़ाने में इस तरह की अकादमिक-उद्योग साझेदारी के महत्व पर जोर दिया।
विश्वविद्यालय डीन रिसर्च डॉ. भुवनेश कुमार और प्रो-वाइस चांसलर डॉ. परमानंद ने भी अपने विचार साझा किए और उच्च प्रभाव वाले अनुवाद संबंधी शोध, उद्योग सहयोग और वैश्विक अकादमिक नेतृत्व के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
डॉ. भुवनेश कुमार ने कहा यह समझौता ज्ञापन केवल एक दस्तावेज नहीं है यह नवाचार, मार्गदर्शन और सामाजिक प्रभाव का वादा है।” मेडथेरेपी बायोटेक्नोलॉजी के बारे में: हार्वर्ड मेडिकल स्कूल, हार्वर्ड बिजनेस स्कूल और नोवार्टिस के पूर्व अधिकारियों के कैंसर विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा 2018 में स्थापित, मेडथेरेपी अगली पीढ़ी की जीन थेरेपी तकनीकों का नेतृत्व कर रही है जो विनिर्माण की लागत और जटिलता को काफी कम करती है। बोस्टन, यूएसए में अपने मुख्यालय और नई दिल्ली-एनसीआर में उन्नत सुविधाओं के साथ, मेडथेरेपी दुनिया भर के रोगियों के लिए सस्ती, सुलभ जीन थेरेपी को एक वास्तविकता बनाने के मिशन पर है। मेडथेरेपी के प्रबंध निदेशक डॉ. संजय सिंह ने सटीक चिकित्सा की परिवर्तनकारी शक्ति पर जोर दिया और नवाचार को सामर्थ्य और सुलभता के साथ जोड़ने और सीजीटी की तीव्र विनिर्माण चुनौतियों का समाधान करने के कंपनी के दृष्टिकोण को साझा किया। हम कैंसर के उपचार के भविष्य की फिर से कल्पना कर रहे हैं। शारदा विश्वविद्यालय के साथ हमारा सहयोग हमें स्थानीय विशेषज्ञता और बुनियादी ढांचे के साथ नवाचार को जोड़ने में सक्षम बनाता है, जिससे दुनिया भर के रोगियों के लिए तेज़ और अधिक किफायती समाधान सुनिश्चित होते हैं।
]]>न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान इनाम-उल-हक, शहनवाज़ और नोमान के रूप में हुई है. ये तीनों उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर जिले के निवासी हैं और पिछले पांच सालों से गांजा तस्करी के धंधे में लिप्त थे. यह जानकारी सेंट्रल नोएडा के डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने दी.
डीसीपी के अनुसार, यह कार्रवाई बादलपुर पुलिस और सीआरटी टीम के संयुक्त ऑपरेशन के तहत की गई. उन्होंने बताया कि गिरोह का सरगना इनाम-उल-हक है, जो पूर्व में भी नशा तस्करी के मामले में जेल जा चुका है और हाल ही में रिहा हुआ था.
पूछताछ के दौरान इनाम-उल-हक ने खुलासा किया कि वह गांजा ओडिशा, आंध्र प्रदेश और बिहार से मंगवाता था. तस्करी के दौरान गांजे को कंटेनर के निचले हिस्से में छिपाकर लाया जाता था ताकि कोई पकड़ न सके. इससे तस्करी को अंजाम देना उसके लिए आसान हो जाता था.
डीसीपी अवस्थी ने बताया कि आरोपियों ने यह भी कबूल किया कि पहले वो गांजे की आपूर्ति रेल मार्ग से किया करते थे, लेकिन हाल में ट्रेन से ज्यादा मात्रा लाना कठिन हो गया था. इस कारण वो सड़क मार्ग से तस्करी कर रहे थे. पुलिस के अनुसार, इनाम-उल-हक को महाराष्ट्र के नागपुर जिले में भी नशा तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
]]>जानकारी के मुताबिक, यह घटना ग्रेटर नोएडा के बिसरख थाना इलाके में स्थित चेरी काउंटी सोसायटी की है. यहां के एक फ्लैट की बालकनी में आग और धुंआ उठता नजर आ रहा है. यहां पर रख एक वाशिंग मशीन धूं-धूंकर जल गई.
समय रहते बुझाई गई आग
आग इमारत की नौंवी मंजिल पर लगी. ऊपरी मंजिल पर वेल्डिंग का कार्य किया जा रहा था. इसकी चिंगारी से नौवीं मंजिल की बालकनी में रखी वाशिंग मशीन में आग लग गई.
आग लगने के कारण मौके पर अफरातफरी मच गई. हालांकि सोसायटी के मेंटिनेंस स्टाफ ने समय रहते ही आग को बुझा दिया. इस दौरान दमकल की गाड़ियां भी मौके पर पहुंची.
]]>ग्रामीणों के मुताबिक इन फसलों की कीमत लाखों में है। ग्रामीण इंद्रराज नागर ने बताया कि सोमवार की सुबह खेतों से धुंआ उठने की जानकारी उनको हुई तो वह ग्रामीणों के साथ मौके पर पहुंचे। जब तक वह खेतों को पहुंचे तब तक आग ने विकराल रूप धारण कर लिया था। उनका कहना है कि आग की चपेट में आकर करीब 6 किसानों की 20 बीघा फसल जल गई है। हालांकि अभी आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है।
फायर ब्रिगेड नहीं पहुंची
ग्रामीणों का कहना है कि सूचना देने के बाद भी फायर ब्रिगेड की गाड़ी मौके पर नहीं पहुंची। आग को ग्रामीणों ने बुझाने का प्रयास किया। लेकिन आग नही बुझ सकी। इससे उनकी फसल जल गई है। लोगों का आरोप है कि फायर ब्रिगेड का कार्यालय ग्रामीण क्षेत्र में नहीं होने की वजह से ग्रेटर नोएडा से गाड़ियों को पहुंचने में काफी समय लगता है। तब तक भारी नुकसान हो जाता है। कोतवाली प्रभारी मुनेंद्र सिंह का कहना है कि आग लगने के कारणों का पता लगाया जा रहा है।
]]>पुलिस के मुताबिक एक सप्ताह पहले मामूरा के एक युवक ने जस्ट डायल पर मसाज की जानकारी मिली थी। युवक रायल मसाज थेरेपी सर्विस देने वालों के संपर्क में आ गया।
सर्विस देने वालों ने सौदा करते हए लोकेशन भेजकर युवक को सेक्टर 70 में गोपनीय स्थान पर बुलाया था। वहां पर तीन युवक व एक युवती मिली।
ब्लैकमेल कर युवक से मांगे 20 हजार
तीनों युवकों ने सर्विस देने के दौरान युवक और युवती की वीडियो बना लिया। युवक को वीडियो वायरल करने की धमकी देते हुए दो हजार रुपये ट्रांसफर करा लिए। फिर ब्लैकमेल करते हुए युवक से 20 हजार रुपये की मांग की। स्वजन व रिश्तेदारों को वीडियो भेजकर बदनाम करने की धमकी दी। इससे युवक डर गया और फेज तीन थाने पहुंचकर शिकायत की।
कितने पढ़े-लिखे हैं आरोपी?
थाना पुलिस ने रविवार को तीनों को सर्विलांस की मदद से दबोच लिया। आरोपितों की पहचान आगरा के शिवम शर्मा, रोहित व गुरुग्राम के राजन उर्फ राजू के रूप में हुई। उनसे पांच मोबाइल बरामद किए। शिवम ग्रेजुएट, रोहित 12 वीं व राजन उर्फ राजू 10 वीं पास है।
पूछताछ में बताया कि आरोपितों ने जस्ट डायल पर रायल मसाज थेरेपी के नाम लिस्टिंग कराया हुआ है। मसाज के लिए ग्राहक के संपर्क करने पर शिवम व रोहित मसाज और लड़कियों के बारे में जानकारी देते थे।
वाट्सएप पर भेजते थे लड़कियों के फोटो
वाट्सएप पर लड़कियों के फोटो भी भेजते थे। सौदा होने पर राजन लड़की को बताए हुए स्थान पर लेकर जाता था। घर पर सर्विस नहीं देते थे। यदि कोई ग्राहक प्राइवेसी का हवाला देता था तो उसको होटल या गोपनीय स्थान पर बुलाते थे।
आरोपित अतिरिक्त सर्विस देने के नाम पर भी पीड़ितों को फंसाते थे। ग्राहकों के फोटो व वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करते थे। उधर, वाट्सएप पर दिखाए फोटो से लड़की अलग होती थी।
हाल के मिले दो ट्रांजेक्शन
पुलिस के मुताबिक आरोपितों से मिले मोबाइल में युवक से दो हजार रुपये तो एक व्यक्ति से 20 हजार रुपये का ट्रांजेक्शन मिला है। पुलिस व्यक्ति को बुलाकर बयान दर्ज कराएगी। पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि गिरोह 75 से ज्यादा लोगों से रुपये ऐंठ चुका है।
]]>संघीय जांच एजेंसी ने एक बयान में बताया कि 10 अप्रैल को भसीन इन्फोटेक एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, ग्रैंड वेनेजिया कमर्शियल टावर्स प्राइवेट लिमिटेड और उनके प्रमुख कर्मियों के परिसरों पर छापेमारी की गई.
नोएडा, दिल्ली और गोवा में नौ स्थानों पर छापेमारी
धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत की गई कार्रवाई में उत्तर प्रदेश के नोएडा, दिल्ली और गोवा में नौ स्थानों पर छापेमारी की गयी. मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला नोएडा पुलिस द्वारा मुख्य आरोपी सतिंदर सिंह भसीन, भसीन इन्फोटेक एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर और अन्य के खिलाफ दर्ज की गई कई एफआईआर के बाद सामने आया है.
लुभावने विज्ञापनों के जरिए निवेशकों को लुभाया
ईडी ने बताया कि कंपनी ने ग्रैंड वेनेजिया कमर्शियल कॉम्प्लेक्सनाम से एक रियल एस्टेट परियोजना शुरू की और लुभावने विज्ञापन और झूठे आश्वासनों के जरिए निवेशकों को लुभाया. ईडी ने आरोप लगाया कि कंपनी निवेशकों को कब्जा देने में विफल रही और निवेश की गई राशि हड़प ली.
संदिग्ध बैंक खातों पर लगाई रोक
ईडी के आरोपों पर प्रतिक्रिया के लिए कंपनी या उसके प्रवर्तकों से संपर्क नहीं किया जा सका. एजेंसी ने बताया कि छापेमारी के दौरान कुछ आपराधिक जानकारी, कागजात, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, बैंक लॉकर की चाबियां और 30 लाख रुपए नकद जब्त किए गए तथा कुछ संदिग्ध बैंक खातों पर रोक लगा दी गयी.
]]>आरोपी ने पुलिस पूछताछ में बताया कि मैं और मेरे साथी लोग एमआईपी कंपनी के प्रमोटर थे। हम लोग, लोगों को एडवाईज देते थे कि आप एक बाइक लगाने के लिए 62,100 रुपये जमा करेंगे तो उससे आपको एक वर्ष तक 10,100 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे और 5,000 रुपये कमीशन उसी वक्त मिलेगा। आरोपी जितेन्द्र खंडवाल भाई राजेश खंडवाल ने मैपल इनोवेटिव प्रमोटिव (एमआईपी) के नाम से यह कंपनी बनाई थी। इसमें कई करोड़ रुपया इकट्ठा हुआ था।
बहुल से लोगों से लगवाए थे पैसे
डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि आरोपी जितेन्द्र खंडवाल उपरोक्त के खाते में 30 लाख रुपये आए है। इसके बाद में यह कंपनी पैसा लेकर के भाग गई थी। यह कंपनी फर्जी तरीके से लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रही थी। इसमें आरोपी जितेन्द्र खंडवाल से भी बहुत लोगों से पैसे लगवाए गए थे। इसके बाद यह भी नोएडा से भाग गया था।
आरोपी पर चार केस दर्ज थे
करीब पांच साल तक फरार रहने के दौरान पुलिस ने कई बार दबिश दी, लेकिन हर बार चकमा देकर भाग जाता था। इस बार मुखबिर की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने दबिश दी और आरोपी को धरदबोचा। इसकी गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के लिए पुलिस ने 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था। इसके खिलाफ थाना सेक्टर-58 में चार मुकदमें दर्ज है।
]]>पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, हादसा तड़के करीब तीन बजे नोएडा से आगरा जाते समय यमुना एक्सप्रेसवे के 37वें किलोमीटर पर हुआ। हादसे में कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई।
मृतक चालक की हुई पहचान
सूचना पर पहुंची पुलिस और जेपी इंफ्राटेक की राहत एवं बचाव टीम ने कार चालक रोहित राज (41) पुत्र विनय कुमार सिन्हा, निवासी नॉलेज पार्क थर्ड ग्रेटर नोएडा को एंबुलेंस से जेवर के कैलाश अस्पताल में भर्ती कराया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
मृतक आईटीएस डेंटल कॉलेज नॉलेज पार्क में एचआर था। उसके परिजनों का कहना है कि उन्हें नहीं पता कि वह यमुना एक्सप्रेसवे पर कैसे पहुंचा।
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