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गाजीपुर: झुग्गी में सो रह था परिवार, आधी रात को ट्रेलर ने रौंदा… तीन बच्चों की मौत, एक घायल

गहमर (गाजीपुर)। गहमर गांव स्थित मां कामाख्या धाम के समीप शुक्रवार की देर रात ताड़ीघाट-बारा हाईवे किनारे झोपड़ी में सो रहा डोम परिवार पर तेज रफ्तार ट्रेलर मौत बनकर दौड़ा। ट्रेलर से कुचलकर लालजी डोम के छह वर्षीय पुत्र कबूतर , तीन वर्षीय पुत्री ज्वाला व आठ वर्षीय सपना की मौत हो गई, जबकि हादसे में लालजी, उनकी पत्नी संतरा व एक चार वर्षीय पुत्र संतोषी घायल हो गए।

सुबह में दुर्घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने घटनास्थल के पास सुबह नौ बजे इस नेशनल हाइवे 124 जाम कर दिया। मामले की जानकारी होने पर एसडीएम सेवराई लोकेश कुमार व नायब तहसीलदार पंकज कुमार पहुंचे और पीड़ित परिवार को जमीन मुहैया कराने के साथ ही अन्य सरकारी मदद का भरोसा दिया, तब जाकर करीब दस बजे जाम समाप्त हुआ।

हादसे में तीन बच्चों की मौत से परिवार में कोहराम मचा है। इसी हाईवे पर 24 घंटे के भीतर ट्रेलर से कुचलकर यह चौथी मौत है। दरअसल, बिहार से बालू लदा ट्रेलर इस हाईवे से आवाजाही करते हैं, जबकि गंगा पर बना हमीद सेतु पर भारी वाहनों का प्रतिबंध है। बावजूद पुलिस के संरक्षण में रात में ट्रेलर निकाले जाते हैं। इस दौरान उनकी रफ्तार काफी तेज होती है, जिससे यह हादसे होते हैं।

खाना खाकर सो रहे थे सभी

बिहार हो जाने वाला बारा-ताड़ीघाट हाईवे के गहमर स्थित मां कामाख्या धाम के मुख्य गेट के पूरब तरफ करीब चार-पांच वर्षों से लालजी डोम अपनी पत्नी व बच्चों संग झोपड़ी डालकर रहते हैं। शुक्रवार की रात खाना खाकर सभी झोपड़ी में सो रहे थे।

इसी बीच रात करीब 11 बजे बिहार की ओर जा रहा तेज रफ्तार ट्रेलर झोप़ड़ी को कुचलते हुए निकल गया। मौके पर दो बच्चों की मौत हो गई, जबकि अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। दुर्घटना के लोगों की भीड़ जुटी तो कुछ देर बाद गहमर पुलिस पहुंची और शवों को कब्जे में लेने के बाद घायलों को उपचार के लिए अस्पताल भेजवाई। पुलिस ने ट्रेलर को पकडने के लिए घेराबंदी की तो चालक बारा पुलिस चौकी से पहले वाहन खड़ाकर फरार हो गया।

पहुंचे डीएम-एसपी

दुर्घटना में तीन बच्चों की मौत के बाद डीएम आर्यका अखौरी, एसपी डा. ईरज राजा व भाजपा की पूर्व विधायक सुनीता सिंह गहमर थाने में पहुंचे। यहां पूरे घटनाक्रम की जानकारी लेने के साथ ही सड़क किनारे रह रहे लोगों के लिए जमीन तलाशने की बात कही। मातहतों ने पथरा गांव में खाली पड़ी जमीन के बारे में अधिकारियों को अवगत कराया। इस पर तय किया गया कि सभी को पथरा गांव में रखने की व्यवस्था की जाए।

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