संभल जामा मस्जिद दीवार रंगाई मामले में SC पहुंचे मौलाना, CJI खन्ना ने एक ना सुनी, बोले- पहले हाईकोर्ट जाओ और…

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने संभल की शाही जामा मस्जिद के बाहरी हिस्से में सफेदी व रंगाई पोताई कराने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश में दखल देने से मंगलवार को इनकार कर दिया है।
कोर्ट ने सफेदी का पैसा मस्जिद कमेटी से लिए जाने के हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है। ये आदेश प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने एक श्रद्धालु सतीश अग्रवाल की ओर से दाखिल याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए दिये।
सतीश अग्रवाल ने याचिका दाखिल की थी, जिसमें हाई कोर्ट द्वारा एएसआई (भारत पुरातत्व सर्वेक्षण) को मस्जिद की बाहरी दीवारों में सफेदी कराने का निर्देश दिया गया था और उसका खर्च मस्जिद कमेटी से लिए जाने की बात कही गई थी।
मंगलवार को याचिका पर बहस करते हुए वकील बरुन कुमार सिन्हा ने कहा कि मस्जिद कमेटी से सफेदी का खर्च लिये जाने का हाई कोर्ट का आदेश सही नहीं है। यह मस्जिद एएसआई के संरक्षण में है और एएसआई के पास रखरखाव का फंड होता है सफेदी पर एएसआई को ही खर्च करना चाहिए, लेकिन पीठ ने उनकी दलीलों पर कोई भी ध्यान दिये बगैर कहा कि वह सफेदी के मामले में सुनवाई नहीं करेगी।
पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि वह हाई कोर्ट के आदेश में दखल देने की इच्छुक नहीं है। कोर्ट का नकारात्मक रुख देखते हुए वकील ने कोर्ट से याचिका वापस लेने और हाई कोर्ट जाने की इजाजत मांगी, लेकिन कोर्ट ने इस बारे में भी कोई आदेश नहीं दिया।