महात्मा गांधी की परपोती नीलमबेन परीख का निधन, 93 साल की आयु में ली अंतिम सांस

नवसारी: महात्मा गांधी की परपोती नीलम बेन पारिख का निधन हो गया है. नवसारी की अलका सोसायटी में रहते हुए उन्होंने अपना पूरा जीवन दया, सेवा और समाज सेवा में समर्पित कर दिया.
नीलमबेन पारिख महात्मा गांधी के बेटे हरिदास गांधी की वंशज थीं. अपनी माता रामीबेन और पिता योगेन्द्रभाई पारिख के संस्कारों से प्रभावित होकर उन्होंने बचपन से ही गांधीवादी मूल्यों को आत्मसात कर लिया. उन्होंने महिलाओं के कल्याण और शिक्षा के लिए कई प्रयास किए. वह विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़ी रहीं और उन्होंने महिलाओं की शिक्षा, स्वावलंबन और स्वास्थ्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण काम किया.
अंतिम विदाई
नीलमबेन की अंतिम यात्रा 02 अप्रैल, सुबह 8:00 बजे उनके बेटे डॉ. समीर पारिख के निवास से निकलेगी और वीरावल श्मशान घाट पहुंचेगी. उनके निधन से समाज ने एक ईमानदार एवं सेवा-समर्पित व्यक्तित्व को खो दिया है.
गांधी परिवार में उनकी भूमिका
नीलमबेन महात्मा गांधी की उत्तराधिकारी होने के साथ-साथ उनकी विचारधारा के अनुरूप जीने और काम करने वालों में शुमार हैं. उनके जीवन की विभिन्न घटनाएं लोगों के लिए प्रेरणास्रोत रही हैं. उन्होंने जीवन भर न केवल अपने लिए बल्कि समाज के वंचितों और वंचितों के लिए भी अथक प्रयास किया. उनके निधन से देश ने एक अच्छे व्यक्तित्व को हमेशा हमेशा के लिए खो दिया है.